कसमे वादे प्यार वफ़ा सब
बाते हैं, बातों का क्या ?
कोई किसी का नहीं ये झूठे
नाते हैं, नातों का क्या?
होगा मसीहा सामने तेरे
फिर भी न तू बच पायेगा
तेरा अपना खून ही आखिर
तुझ को आग लगायेगा
आसमान में उड़नेवाले मिट्टी में मिल जायेगा
सुख में तेरे साथ चलेंगे
दुःख में सब मुख मोड़ेंगे
दुनियावाले तेरे बनकर
तेरा ही दिल तोड़ेंगे
देते हैं भगवान को धोखा इन्सां को क्या छोड़ेंगे
काम अगर ये हिन्दू का है
मंदिर किसने लूटा है
मुस्लिम का है काम अगर ये
खुदा का घर क्यों टूटा है
जिस मज़हब में जायज़ है ये वो मज़हब तो झूठा है
गीतकार : इंदिवर,
गायक : मन्ना डे,
संगीतकार : कल्याणजी आनंदजी, चित्रपट : उपकार (१९६७)
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